भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल का उद्देश्य ऐनीमेट और यांत्रिक शक्ति स्रोतों का उपयोग करके उत्पादन और उत्पादन के बाद की कृषि के आधुनिकीकरण के लिए उपयुक्त मशीनरी और प्रक्रियाओं का विकास करना है। संस्थान के विशिष्ट उद्देश्य हैं:
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इनपुटों का कुशल एवं समय पर उपयोग, उत्पादकता में वृद्धि तथा किसानों की आय में वृद्धि के लिए कम उत्पादन लागत, संसाधनों का संरक्षण, जलवायु स्मार्ट कृषि और हितधारक के बेहतर मानव स्वास्थ्य के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास|
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कटाई –उपरांत के नुकसान को कम करके किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का समर्थन करना और अनाज, बाजरा, सोयाबीन, फल और सब्जी, दालों आदि के मूल्यवर्धन के माध्यम से पौष्टिक विकल्प प्रदान करना।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और आई.ओ.टी. जैसे समकालीन नवाचारों के माध्यम से उत्पादन और पोस्ट-प्रोडक्शन यूनिट संचालन और ऑन-फार्म ऊर्जा प्रबंधन के लिए स्मार्ट मशीनों का विकास करना।
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पानी के समुचित उपयोग के लिए ऑन-फार्म जल प्रबंधन प्रक्रियाओं में यंत्रीकृत हस्तक्षेप प्रदान करना।
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ऊर्जा के पारंपरिक और नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके उपयुक्त प्रौद्योगिकियों के विकास के माध्यम से उत्पादन और उत्पादन के बाद के कार्यों में ऊर्जा उपयोग दक्षता में वृद्धि करना।
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कृषि के आधुनिकीकरण और कृषि-प्रसंस्करण के उपक्रम के लिए वस्तु(कमोडिटी) और स्थान विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए पूरे देश में स्थापित अनुसंधान केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से नेतृत्व प्रदान करना और अनुसंधान का समन्वय करना।
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सूचना प्रसार, व्यावसायीकरण और हितधारकों की क्षमता निर्माण के माध्यम से प्रौद्योगिकी और आई.पी. प्रबंधन प्रारंभ करना।
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सभी हितधारकों के कौशल को बढ़ाना और कृषि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ज्ञान के राष्ट्रीय भंडार(नेशनल रिपॉजिटरी ऑफ नॉलेज) के रूप में कार्य करना।